भैय्या हम तुहंसे यक बचन
अबकी राखी पय मांगित है
मांगेन न आज तलुक कुछहू
जन्मै से राखी बान्हित है ,
यक से राखी बंधवायि केरि
सौ बहिन कै पहरेदार बनव
इ आज करव वादा हमसे
हर नारी कय रखवार बनव
मानव तु सबका बहिन मेरि
जयिसय हम भैय्या मानित है
मांगेन न आज…………..
दुख दर्द से हम सब लडि लेई
हंस कय हर अत्याचार सही
लोगन के बुरी नजरिया अउ
अब जुलुम अतिक कय बार सही
घूयिरै लागत ही आंख हमैं
जैसै हम चउखट नाघित है
मांगेन न आज……………
दुनिया मा बहिन अकेली कय
बस यक भरोसा भायी है
डोरी न यहिका समझ लिहौ
हमरी साथे परछायी है
तु जागत हौ तब सोइत है
निहिचिन्ते अचरा तानित है
मांगेन न आज तलुक कुछउ
जन्मै से राखी बान्हित है …!!
( संजय श्रीवास्तव , अवधी )